MODERN HISTORY- धार्मिक सुधार आंदोलन- ब्रह्म-समाज

राजा राममोहन राय

  • जन्म- 22 मई  1772 AD (बंगाल)
  • भारतीय जागरण का अग्रदूत
  • पिता का नाम - रामकांतो रॉय 
  • एकेश्वरवादी 
  • 'आधुनिक भारत का जनक'
  • सती प्रथा ,बहुपत्नी  प्रथा ,जाती प्रथा ,मूर्ति पुजा का विरोध  किया
  • उनका विश्वास था कि पश्चिम संस्कृति ही भारतीय समाज को जागृत कर सकती है, वे चाहते थे कि भारतीय तार्किक एवं वैज्ञानिक तरीकें अपनाएँ 
  • संवाद कौमुदी, मिरात उल अखबार, ब्राह्मणीकल अखबार प्रकाशित किये 
  • भाषाओं, अरबी, फारसी, संस्कृत जैसी प्राचीन भाषाएँ तथा अंग्रेजी, फ्रांसीसी, लैटिन, यूनानी आदि पाश्चात्य भाषाओं के ज्ञाता

धार्मिक और सामाजिक बुरायिओं को दूर करने के लिए "आत्मीय समाज "की स्थापना की

एकेशवरवाद का प्रचार आत्मीय समाज सभा के द्वारा किया गया   

 ब्रह्म-समाज 

  • संस्थापक - राजा राममोहन राय
  • 1828 AD कलकत्ता
  • आधुनिक भारत में हिन्दू धर्म में पहला सुधार आंदोलन 

उद्देश्य  -

  • सती प्रथा ,बहुपत्नी  प्रथा ,जाती प्रथा ख़त्म करने के लिए
  • धर्म की बुराइयों पर प्रहार करना
  • एकेश्वरवाद का प्रचार करना

देवेंद्र नाथ टैगोर

  • राजा राम मोहन राय के विचारोँ से प्रभावित होकर देवेंद्र नाथ टैगोर ने 1843 AD मेँ ब्रह्म समाज की सदस्यता ग्रहण की। 
  • ब्रह्म समाज मेँ शामिल होने से पूर्व देवेंद्र नाथ टैगोर ने तत्वबोधिनी सभा (1839 AD) का गठन किया था।

केशवचंद्र सेन

  • 1857 AD मेँ केशवचंद्र सेन ब्रह्म समाज के आचार्य नियुक्त किये गए 
  • केशव चंद्र सेन के प्रयत्नोँ से ब्रह्म समाज ने एक अखिल भारतीय आंदोलन का रुप ले लिया।

राजा राममोहन राय के इंग्लैण्ड जाने के पश्चात् देवेन्द्रनाथ टैगोर ने ब्रह्म समाज की बागडोर संभाली

इंग्लैंड की संसद में भारत की सामाजिक बुराईयों के सन्दर्भ में कानून पास करवाने में सफल रहे। 

सती प्रथा का उन्मूलन

  • राजा राममोहन राय के प्रयास से 
  • लार्ड विलियम बैंटिक के द्वारा
  • वर्ष 1829 ई० में
भारत में अंग्रेजी शिक्षा विलियम बैंटिक के द्वारा लागू की गई थी  
राजा राम मोहन राय ने शिक्षा के क्षेत्र मेँ भी कार्य किया। इन्होंने वेदांत कॉलेज (1825) की स्थापना की। कलकत्ता मेँ डेविड हैयर द्वारा हिंदू कॉलेज की स्थापना मेँ भी राजा राममोहन राय ने सहयोग किया।

राजा राम मोहन राय की मौत 27 सितम्बर  1833 मेँ हुई 

1865 मेँ  वैचारिक मतभेद के कारण ब्रह्म समाज मेँ विभाजन हो गया 

  • देवेंद्र नाथ का गुट धर्म समाज कहलाया
  • केशव चंद्र का गुट भारतीय ब्रह्म समाज कहलाया

आचार्य केशव चंद्र ने ब्रह्म विवाह अधिनियम का उल्लंघन करते हुए अपनी अल्प आयु पुत्री का विवाह कूच बिहार के राजा से कर दिया भारतीय ब्रह्म समाज मेँ विभाजन का कारण यही था।

आचार्य केशव चंद्र सेन ने मद्रास में वेद समाज समाज की स्थापना की 

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