
- जन्म- 6 मार्च 1508 AD , KABUL
- इसकी माता महान अंगा थी
- भाई -कामरान ,अस्करी, हिन्दाल
बाबर ने मरते वक़्त हुमायू से कहा था की अपने भाईयों का ख्याल रखना। राजा बनते ही अपने राज्य को चार हिस्सों में बाँट देता है
- कामरान - काबुल, कंधार और पंजाब
- अस्करी - संभल
- हिन्दाल- अलवर शासन के लिए से दिया।
हुमायू का राज्याभिषेक
- 30 दिसंबर 1530 AD में गद्दी पर 24 साल की उम्र में बैठता है।
- हुमायूं ने अपने लिए दिनपनाह महल बनवाया था (1533 AD)
राजनीतिक अभियान
1. कालिंजर विजय ,
- 1531 AD
- प्रताप रुद्रदेव को हराया
- 1532 AD
- अफगान सरदार महमूद लोदी को हराया
- शेर खान (शेर शाह सूरी ) और हुमायूँ का समझौता ,
- चुनार का किला शर को मिलता है पर शर खान के बेटे क़ुतुब खान के कारन दूसरी लड़ाई होती है।
- इसके बाद उसने दिंपनाह महल बनवाया था।
- हुमायू ने शेर खान के पुत्र क़ुतुब खान को हराया
- हुमायूं के समय गुजरात का शासक बहादुर शाह था
- बहादुर शाह भी दिल्ली पर कब्जा चाहता था इसलिए बार बार आक्रमण करता था
- 1535 -36 AD -
- बहादुर शाह को हराया
- गौड़ विजय (बंगाल )
- नाम बदल कर जन्नाताबाद रखता है।
- बंगाल में उसे अफीम की लत लग जाती है और दो साल वही गुजार देता है।
- हुमायूं के समय बिहार और बंगाल का शासक शेर खान था
- उधर शेर शाह सूरी अपनी शक्ति मज़बूत कर लेता है।
- शेर खान से जब लड़ाई होती थीं तो दिल्ली पर बहादुर शाह आक्रमण करता था और जब
- बहादुर शाह से लड़ाई लडने जाता तो शेर खान हमला करता था।
- हुमायूं जब बहादुर शाह से लड़ रहा होता है तब बिहार और बंगाल की सेना दिल्ली कि तरफ बढ़ने लगती है।
- हुमायूं वापस लौटता है और चौसा का युद्ध होता है।
6. चौसा का युद्ध-
- 27 जून 1539 AD
- शेर शाह सूरी और हुमायू के बिच में
- शर शाह शुरी की विजय
- इस युद्ध में हुमायूं कि हार होती है और जान बचाने के लिए वह नदी में कूद जाता है।
- हुमायूं को बचाने के लिए इसका भिस्ती(निजाम ) भी नदी में कूद जाता है और इसे बचा लेता है।
- हुमायु उसे एक दिन का बादशाह बनता है ,इसी भिस्ती ने भारत में चमड़े के सिक्के चलाये थे।
- इस दौरान बहादुर शाह का संपर्क पुर्तगालियों से होता है और उसकी व्यवस्था संगठित हो जाती है।
- इसके बाद हुमायूं ऑटोमन साम्राज्य से काफी सारी बंदूकें, तोप,बारूद मंगवाता है।
- बहादुर शाह इसका पीछा छोड़ देता है और अचानक इसकी मृत्यु हो जाती है।
चौसा के युद्ध के बाद शेर खान, शेर शाह सूरी की उपाधि धारण करता है
बिहार और बंगाल में शेर खान का शासन हो जाता है, और हुमायूं का पीछा करता रहता है।
हुमायूं अपने भाइयों से मदद मांगता है पर कोई साथ नहीं देता है।
इसके बाद शेर शाह सूरी फिर से हुमायूं पर हमला करता है।
7. कन्नौज या बिलग्राम, युद्ध
- 1540 AD
- हुमायु शेर शाह शुरी से पूर्णतः पराजित
- इसके बाद हुमायु का भारत से निर्वासन (1540 AD से 1555 AD तक)हो जाता है।
- हुमायूं के लिए यह निर्णायक युद्ध होता है, और हार जाता है।
- देश छोड़कर सिंध की तरफ भाग जाता है।
- हुमायूं अपने भाईयो कामरान और हिंदाल से मदद मांगता है। इस दौरान भी शेर शाह सूरी लगातार उसका पीछा कर रहा है।
- कामरान को पता था कि शेर शाह सूरी इसका पीछा कर रहा है इसलिए शेर शाह सूरी से बचने के लिए हुमायूं को अपने यहां से निकाल देता है।
- पर शेर शाह सूरी,कामरान पर हमला करके लाहौर पर कब्जा कर लेते हैं।
- हुमायूं फिर सिंध की तरफ अस्करी से मदद मांगने जाता है, पर अस्करी भागकर कामरान के पास आ जाता है और कंधार का गवर्नर बन जाता है।
- हुमायूं अपने परिवार के साथ धक्के खा रहा है और कोई उसे ठिकाना नहीं दे रहा है।
- इस दौरान राणा वीर साल इसकी पूरी मदद करते है और इसे अपना सैनिक भी देते हैं।
- सिया सम्प्रदाय से सुनी सम्प्रदाय में आ जाता है।
- हुमायूं 1541 AD में एक सिया लड़की हमीदा बानो बेगम से सादी कर लेता है।
- हुमायूं खुद सुन्नी था, इसलिए कामरान, हुमायूं को मारने की सपथ लेता है।
- 1542 AD में हमायू कंधार पर विजय पा लेता है।
- इसके बाद हुमायूं अपने भाई अस्करी को बंदी बना लेता है और कामरान को युद्ध में हरा कर उसकी आंखे फोड़कर मक्का भेज देता है , हिन्दाल , हुमायूं का साथ देने लगता है।
- कालिंजर के युद्ध में शेर शाह सूरी बारूद से जलकर घायल हो जाता है और अंत में मर (1545 AD) जाता है।
- 1553 में शेर शाह सूरी का बेटा इस्लाम शाह गद्दि पर बैठता है और जल्द ही इसकी मौत हो जाती है।
- इसके बाद शेर शाह सूरी का सेना पति सिकंदर शाह अपने आप को राजा घोषित करता है
उधर हुमायूं अपनी शक्ति बढ़ाकर अपने दोस्त बैरम खान और बेटे अकबर के साथ भारत की तरफ बढ़ता है।
हुमायू की भारत वापसी (1555- 1556 AD )
मच्छीबाड़ा का युद्ध -
- 1555 AD
- अफगान सरदार तातर खान और हैबत खान को हराया
सरहिंद का युद्ध -
- 1555 AD -
- सिकंदर सूरी को हराया
- इस युद्ध में अकबर जीत जाता है और उसे पंजाब का गवर्नर बनाया जाता है।
- दिल्ली पर हुमायूं का दुबारा कब्जा हो जाता है।
हुमायु की मृत्यु
- जनबरी 1556 AD
- हुमायूं ज्योतिष विद्या में विश्वास रखता था।
- अपने महल दिनपानाह के शेरमंडल पुस्तकालय में एक किताब पढ़ता रहता और आजान का समय हो जाता है, जल्दबाज़ी में सीढ़ियों से उतरते वक़्त यह गिर जाता है और मौत हो जाती है।
हुमायू का मकबरा
- दिल्ली में
- हमीदा बनो बेगम के द्वारा बनबाया गया था।
- वास्तुकार - मिर्जा ग्यास बेग
- ईरानी संस्कृति से प्रभित ही
सात दिन में सात रंग के कपड़े पहनता था।
लेनपूल लिखता है - हुमायु लड़खड़ाते हुए आया था और लड़खड़ाते हुए ही चला गया।
हिमायू का शासन अफगानिस्तान,पाकिस्तान और पूरे उत्तर भारत में फैला था
- हुमायूं की मौत का वक़्त अकबर कलानौर में रहता है ।
- हुमायूं की मौत की खबर सुनते है वैरम खान , अकबर का तुरंत उसी वक़्त कलानौर में ताजपोशी कर राजा घोषित करता है।
- बाद में दिल्ली आता है और पुनः ताजपोशी कर गद्दी पर बैठाया।
- अकबर उस समय मात्र 13 वर्ष का होता है।
 
 
