
लोदी वंश भारत का पहला अफगान वंश था।
बहलोल लोदी , अल्लाउद्दीन आलम शाह के बदायूं चले जाने के बाद दिल्ली आता है और लोदी बंश की स्थापना करता है।
यह अफगानिस्तान के साहूखेल के गिल्जई कबिले में पैदा हुआ था।
👉 बहलोल लोदी (1451 -1489 AD )
- बहलोल लोदी अफगान राजत्व सिद्धांत के लिए प्रशिद्ध था।
- बहलोल लोदी अपने दरबारियों को काफी इज्जत देता था।
- यह दरबारियों को मस्नद-ए-अली कहकर बुलाता था।
- अफगान राजत्व सिद्धांत तारीख -ए-दाउदी नामक किताब में लिखा गया था ,जिसके लेखक अब्दुल्ला थे।
- बहलोल लोदी दिल्ली सल्तनत का वैसा सुलतान है जो कभी राजसिंहासन पर नहीं बैठा था।
- बहलोल लोदी कहता था की मैं सुलतान नहीं हूँ , मैं अपने साथियों में से ही एक आदमी हूँ।
- बहलोल लोदी ने कभी अपने आप को कभी सुलतान घोसित नहीं किया था।
- बहलोल लोदी अफगानिस्तान का रहने वाला था।
बहलोल लोदी के अभियान
- बहलोली नामक सिक्का चलाया था जो चांदी का बना हुआ था।
- जौनपुर विजय - शर्की शासक हुसैन शाह को हराया और अपने पुत्र बारबक लोदी को जौनपुर का राजा बनाया।
- ग्वालियर अभियान (1486 -87 ) - कीर्तिदेव या रायकर्ण को हराया।
- ग्वालियर के शासक मान सिंह से संधि हो जाती है ।
ग्वालियर जीत नहीं पाने के कारण यह सदमे में चला जाता है और ग्वालियर से वापस आते वक़्त बीमार हो जाता है और दिल्ली पहुंचते पहुंचते मौत हो जाती है।
👉 सिकंदर लोदी (1489 -1517 AD )
- इसकी माता हिन्दू थी।
- इसका मूल नाम निज़ाम खान था।
- यह घमंडी था और गद्दी पर बैठते ही अपना नाम सिकंदर शाह लोदी रखता है।
- यह अपनी सारी शक्ति शहर के दुश्मनों को खत्म करने में गवां देता है।
- इसके दुश्मन इसके चाचा आलम खां, इशा खान, ततर खान थे जो सिकंदर लोदी से बचकर पंजाब के सूबेदार बन जाते हैं।
- यह अपने समय का सबसे अलोकप्रिय राजा था ।
- कबीरदास सुल्तान सिकन्दर शाह लोदी के समयकालीन थे ।
सिकंदर लोदी के काम
- 1492 AD- राजा बनते ही इसने जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
- 1494 AD - बनारस युद्ध , हुसैन शाह को हराया
- 1505 AD में आगरा शहर की स्थापना ।
- 1506 में आगरा को अपनी राजधानी बनाया।
- गज़ ए सिकंदरी - भूमि माप का पैमाना, 39 अंगुल का, 30 -33 इंच
- यमुना में स्नान पर रोक लगा दी
- मुहर्रम पर ताज़िया निकालना बंद करवा दिया।
- गुलरुखी उपनाम से यह कबिताएं लिखता था।
- आयुर्वेद ग्रंथों का फ़ारसी में अनुबाद करवाया।
फरहंद-ए-सिकंदरी एक औषधि का ग्रन्थ था।
इसके बज़िर मियां भुआ ने एक ग्रन्थ तीब्ब-ए-सिकंदरी लिखा जो औषधि से सम्बंधित था।
1517 इ. में इसकी मौत गले की बीमारी से हो जाती है।
- सिकंदर लोदी के बाद इब्राहीम लोदी राजा बनता है ।
- यह भी शहर की अंदरूनी दुश्मनों को खत्म करने के चक्कर में और दुश्मन बना लेता है।
- आलम खां और उसका भतीजा जो पंजाब के सूबेदार थे इससे तंग आकर बाबर से जाकर मदद मांगते है।
👉 इब्राहिम लोदी (1517 से 1526 AD )
सिकंदर लोदी के बाद इब्राहीम लोदी राजा बनता है?
यह भी शहर की अंदरूनी दुश्मनों को खत्म करने के चक्कर में और दुश्मन बना लेता है।
अभियान
- 1518 AD का ग्वालियर अभियान
- 1517- 1518 AD का खातोली युद्ध , मेवाड़ महाराणा सांगा से पराजित।
- 1517- 1518 AD बाड़ी नामक स्थान पर , मेवाड़ महाराणा सांगा से पराजित।
व्यक्ति जो इब्राहिम लोदी से तंग आकर बाबर को आमंत्रित किया था
- लाहौर का गवर्नर दौलत खान , इब्राहिम लोदी के द्वारा भरे दरबार में बेइज़्ज़ती की गयी थी।
- इब्राहिम लोदी का चाचा आलम खान लोदी , यह भी राजा बनना चाहता था।
- मेवाड़ महाराणा सांगा से पराजित , जिनसे इब्राहिम लोदी दो बार हार चूका था।
 
 
