
- जन्म - 1618 AD , दोहत (उज्जैन)
- माता - मुमताज महल (अधिकांश समय नूरजहां के साथ बिताया )
- विवाह - दिलरास बानो बेगम (राविया बीबी )
- बेटी - मेहरुनिशा
- उपाधी - आलमगीर
मुगल शासकों में औरंगज़ेब दो बार राज्याभिषेक कराने वाला प्रथम शासक था
- 1658 AD में जहांगीर की मौत के बाद
- और 1659 AD में उत्तराधिकार के अंतिम युद्ध के बाद
शाहजहां अपने पुत्र "दारा शिकोह " को उत्तराधिकारी बनाने का ऐलान करता है।
अब औरंगज़ेब इसका विरोध करता है और उत्तराधिकार का युद्ध शुरू हो जाता है।
उत्तराधिकार का पहला युद्ध
- फरवरी 1658 AD
- बहादुरपुर (बनारस )
- दारा शिकोह, शाह सुजा के बीच
- इसमें दारा शिकोह जीत जाता है।
- शाही सेना ने शाहशुजा को हराया
- अप्रैल 1658
- धरमत, उज्जैन
- यह युद्ध औरगज़ेब,मुराद और दारा शिकोह के बीच होता है।
- इसमें दारा शिकोह पराजित होता है।
- धरमत युद्ध के बाद औरगज़ेब फतेहाबाद नगर बसाता है
उत्तराधिकार का तीसरा युद्ध
- जून 1658 AD
- शामूगढ़, आगरा
- इसमें औरंगज़ेब, दारा शिकोह को पराजित करता है।
- औरंगजेब ने अपना राज्याभिषेक करवाया
उत्तराधिकार का चौथा युद्ध
- दिसंबर 1658 AD
- खाजवा
- इस युद्ध में औरंगज़ेब , शहसुजा को पराजित कर मार डालता है।
 उत्तराधिकरियों का अंतिम युद्ध 
- अप्रैल 1659 AD
- यह युद्ध देवराय में होता है।
- औरंगज़ेब , दारा शिकोह को पराजित कर देता है और सिंहासन पर कब्जा कर लेता है
- अपने पिता शाहजहां को विरोध करने के आरोप में आगरा के किले में कैद कर देता है।
- 8 वर्ष तक जेल में पड़े रहने के कारण, शाहजहां की हालत काफी खराब हो जाती है, उनकी तीनों बेटियां ही उनका खयाल रखती है।
- औरंगज़ेब, शाहजहां को काफी कष्ट देता है।
- मौत के बाद शाहजहां को ताजमहल में मुमताज महल के बगल में दफनाया जाता है।
अभियान
दक्षिण अभियान (1660 -1681AD )
- शाईस्ता खान
- जयसिंह
- मुअज़्ज़म
- बहादुर खान
- शाहआलम
- 1681 AD में खुद जाता है
पुरन्दर की संधि
- 1665 AD
- शिवाजी के साथ
- मध्यस्था - जयसिंह
जाट विद्रोह (1667 -1668 AD )
- गोकुल जाट
- राजाराम जाट
- चूड़ामन
- सूरजमल (जाट साम्राज्य के संस्थापक )
- औरगज़ेब के शासन काल में गुरु गोविंद सिंह, गुरु तेग बहादुर की शहीदी होती है
- जात युद्ध के दौरान इन दोनों की शहीदी होती है।
- गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे।
मड़वाड़ अभियान
- 1678 AD
- इसके बाद इसने 1679 AD में अकबर द्वारा ख़त्म किये गए जजिया कर पुनः शुरू कर दिआ।
औरंगजेब के काम
- झरोखा दर्शन बंद
- दरबार में सोने चांदी का उपयोग बंद
- तुलादान प्रथा बंद करवाया
- सर्वाधिक मंदिर तुड़वाया
- मंदिर बनवाने पर भी रोक लगा दी
- कलम बंद किया
- हिन्दू त्यौहार बंद
- नौरोज त्योहार बंद
- राहदारी कर (परिवहन कर ) और पंडारी कर (चुंगी कर ) लगाया
- जजिया कर शुरू किया
- तीर्थ कर शुरू किया
- आलमगीर नामा - मिर्ज़ा मोहम्मद कासिम के द्वारा
- फतुहात ए आलमगीर - नीमत खान के द्वारा
इसे जिन्दा पीर कहा जाता है
यह पूरे देश को इस्लाम बनाना चाहता था।
समय के साथ इसे एहसास होता है कि अपने जीवन में इसने काफी गलत फैसले लिए हैं।
उसके बाद यह सब कुछ त्याग कर फकीरों की जिंदगी जीता है, खुद कमाता और खाना बनाता था।
इसे जिंदा पीर या दरवेश ही कहा जाता है।
इसने अपने शासन काल मे नियमों को लागू करने के लिए मुहतसिव को नियुक्त किया था।
औरगज़ेब की मौत - 1707 AD
 
 
