
- सूरत,बॉम्बे
- 1608 AD में
- खुर्रम (शाहजहां) सूरत का सूबेदार था
- खुर्रम ने कैप्टन हॉकिन्स को सूरत में आस्थई फैक्टरी बनाने की इजाजत दी थी।
- 1611 AD में यह स्थायी हो जाता है
सर टौमस रो
- जेम्स प्रथम की अनुमति लेकर
- 1615 AD में
- जहांगीर से मैगजीन दुर्ग में मुलाकात करता है
- ये इस जिज्ञासा से भारत आते है कि उन्हें एक स्थाई फैक्टरी बनानी है। वो भी पूरी लीगल तरीके से।
- अंग्रेजो ने अपने पहले स्थाई फैक्टरी 1616 AD में मसुलीपत्नम में बनाई
धीरे धीरे ये मुगलों से अपनी फैक्टरी बनवाते रहे और समय गुजरता रहा.....
शाहसुजा (1633-51 AD)
- 1633 AD में मुगल सूबेदार कब बना
- यह शाहजहां का पुत्र था
- अंग्रेजो को काफी जगह फैक्टरी खोलने की अनुमति देता है।
- अंग्रेज़ लोग हरिहरपुर,बालासोर,पीपली फैक्टरी में खोलते हैं।
- इससे अंग्रेजों को काफी फायदा हुआ।
- अंग्रेज़ लोग काफी कम राजस्व पर भारत में व्यापार करने लगे।
समय बीतता है और शासन औरंगज़ेब का आ जाता है...
औरंगज़ेब
- अंग्रेजो को बंगाल में व्यापार करने की अनुमति 1667 AD में देता है
- मौत 1707 AD
भारत में मुगल साम्राज्य अंग्रेजो की चाल को समझ नहीं पाई और .......,
फर्रूखशियर
- अंग्रेजो को भारत में टैक्स फ्री व्यापार का फरमान दिया
- फरुखशियार को एक फोड़ा हो गया था, जो ठीक ही नहीं हो रहा था
- अंग्रेजो ने उस फोड़े को डॉक्टर हैमिल्टन से ठीक करवा दिया
- इससे फर्रूखशियर काफी खुश हुआ
- 1717 AD में टैक्स फ्री व्यापार का फरमान लिखित में दिया था
- फर्रूखशियर के फरमान को मग्नाकार्टा ऑफ कम्पनी कहा जातl है
- इससे अंग्रेजो को बहुत ज्यादा फायदा हुआ।
मग्नाकार्टा ऑफ कम्पनी
- 3000 मुगल रूपैय के बदले टैक्स फ्री व्यापार
- गुजरात में कस्टम ड्यूटी के बदले वार्षिक
- 1000 रुपया, सूरत में टैक्स फ्री व्यापार
फर्रूखशियर को लंपट मूर्ख नाम से जाना जाता है
बांदा बहादुर की हत्या फर्रूखशियर ने की थी.
अंग्रेजो को अपना सिक्का चलाने की अनुमति
- फर्रूखशियर ने दी थी
- बॉम्बे में सिक्का बॉम्बे बनाने की अनुमति
- अंग्रेजो ने पहला टकसाल बॉम्बे में खोला
- भारतीय सिक्का कमजोर हो गया
- भारतीय अर्थव्यवस्था गिरने लगी
फर्रूखशियर ने ही भारत की व्यवस्थाओं को अंग्रेजो का गुलाम बना दिया था।
सैयद बंधुओ ने इसे राजा बनाया था, और ये उन्हें ही खत्म करने की साज़िश रचने लगा था।
सैयद बंधु, शिवाजी के उतराधिकारियों के साथ मिलकर लाल किले के नौबत खाने में इसके गला दबाकर हत्या कर दी।
शाइस्ता खान
- 1663 AD में बंगाल का सूबेदार बना
- अंग्रेजो को हुगली, बालासोर, कासिम बाज़ार में फैक्टरी खोलने की इजाजत दे दी।
1707 AD में औरंगज़ेब के मरने के बाद बंगाल स्वतंत्र हो गया था और वहां के नवाबों के खजाने खाली हो रहे थे और इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ती जा रही थी।
औरंगज़ेब के मरने के बाद ,स्वतंत्र बंगाल का नवाब मुर्शीद कुली खान बना
मुर्शीद कुली खान
- अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद बनाई
- राजधानी ढाका से मुर्शिदाबाद बदल दी
इसके बाद अलीबार्दी खान और 1756 AD आते -आते अलीबार्दी खान का नाती सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बन गया।
सिराजुद्दौला
- 1756 AD में बंगाल का नवाब
- नहीं चाहता था कि जो मुगलों ने जो किया उसका परिणाम बंगाल भुगते।
- इस कारण अंग्रेजो से उसकी बनी नहीं
- अंग्रेजो ने अपने स्थिति को मजबूत बनाने के लिए किलेबंदी शुरू कर दी
- सिराजुद्दौला के काफी दुश्मन थे जो अंग्रेजो से मिलकर इसे बंगाल के नवाब के पद से हटाना चाहते थे और खुद नवाब बनना चाहते थे।
सिराजुद्दौला के दुश्मन
- सौकत जंग - सिराज की मौसी का लड़का, पूर्णिया का नवाब
- घसीटी बेगम- सिराज की मौसी
- अंग्रेज़
दोनों ने कलकत्ता में एक गुप्त मीटिंग रॉबर्ट क्लाइव से की और फोर्ट बिल्लियम किले की किलेबंदी होने लगी।
सिराजुद्दौला ने इसका विरोध किया लेकिन घसीटी बेगुम ने समर्थन नहीं दिया।
- सुराजुदौला नाराज़ होकर जून 1756 AD में फोर्ट विलियम का घेराव कर दिया।
- यहां से को स्थिति बदली , फिर संभल नहीं पाई और इसका परिणाम प्लासी के युद्ध के रूप में हुआ।
सिराजुद्दौला कान का कच्चा था, उसके नाना अलीबर्दी खान ने उसे समझाया था कि बेटा -
" अंग्रेज़ एक मधुमक्खी कि तरह है, जब तक उसे छेड़ोगे नहीं तब तक वह शहद देगी, लेकिन जब छेडोगे तो फिर काट खाएगी " ।