MODERN HISTORY -EUROPEAN COMPANIES IN INDIA

यूरोप ईयन से पहले भारत में अरब और चीन के व्यापार पूरी तरह छाए हुए थे।

  • भारत को सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था क्योंकि लेनदेन सिर्फ सोने में होता था।
  • 1453 AD में तुर्की में ऑटोमन साम्राज्य की स्थापना होती है 
  • उसकी वजह से यूरोप और एशिया के बीच व्यापार बंद हो जाता है
  • पुर्तगाल और स्पेन जो मुख्य देश थे, इनके व्यापार जमीनी रास्तों से होता था जो अब बंद हो चुका था।
  • भारत से व्यापार करने का रास्ता मुल्तान से जाता था, जिसे उस समय " सुनहरा दरवाज़ा " कहा जाता था।
  • समुद्र से व्यापार करने का रास्ता किसी को पता नहीं था।

पुर्तगाली 

  • राजा प्रिंस हेनरी से भारत की समुद्री रास्तों को खोजने की अनुमति ली।
  • अनुमति मिलने पर पहले कोलंबस , भारत पहुंचने के बजाय 1492 AD में अमेरिका पहुंच गया।
  • वार्थो लोमिओ डियाज भारत के समुद्री रास्ते को केप ऑफ गुड होप तक ही खोज पाया, खराब मौसम के कारण वह आगे नहीं जा पाया पर उसने बताया कि भारत जाने का एक मात्र रास्ता यही है।
  • वार्थो लोमिओ डियाज के बाद बास्को द गामा ने भारत के समुद्री रास्ते को खोजने का बीड़ा उठाया और तीन जहाजों के साथ पुर्तगाल से निकाल पड़ा।
  • बीच रास्ते में बास्को द गामा के दो जहाज़ खो जाते हैं और यह अकेला पड़ जाता है। केप ऑफ गुड होप (केपटाउन) तक यह पहुंच जाता है और इसका वहां पर काफी विरोध होता है। 
  • इसी समय भारत से आए समुद्री व्यापारी में से अब्दुल इसकी मदद करता है और भारत तक ले जाता है।

पहले वास्को डी गामा सोचता है कि अब्दुल कहीं इसे लूट ना ले पर अब्दुल भारत पहुंचने के इससे पहले पैसे लेता है फिर दोनों साथ निकलते है , उसके दो जहाज़ अभी भी खोए हुए है।

वास्को डी गामा भारत के कालीकट स्थान पर पहुंचता है (मई 1498)

  • भारत में मौजूद पहले से अरब व्यापारी इसका विरोध करते है और वास्को डी गामा अपने बल पर अरब व्यापारी का एक जहाज़ी बेड़ा अपने कब्जे में ले लेता है।
  • इसकी खबर कालीकट के शासक (जमोरिन) को मिलती है और वह गुस्से में इससे लडने आता है।
  • जमोरिन के पहुंचने पर वास्को डी गामा उसे कब्जा किए हुए जहाज़ी बेड़ा उपहार में दे देता है, गुस्सा शांत, जमोरिन उसका स्वागत करता है और बहुत ही कम कीमत पर उसके जहाज़ को समान से भर देता है।
  • लौटते वक्त इसके बकी दोनों जहाज़ भी वापस आ जाते है और तीनों में सामान भरकर यह पुर्तगाल रवाना हो जाता है।
  • पहला किला कोचीन (1503AD) में बनाता है

वापस पुर्तगाल पहुंचने पर वास्को डी गामा का भव्य स्वागत किया जाता है और वापस इसे व्यापार करने के लिए एक वायसराय "फ्रांसिस्को द अलमीदा" के साथ भेजा जाता है।


फ्रांसिस्को द अलमीदा

  • 1505-1508 AD तक भारत में व्यापार को देखता है
  • किला और कई फैक्टरी बनवाता है।
  • यह अपनी फैक्टरी कन्नूर, कीलवा और अंजादिवा  में बनाता है।
  • पहले से मौजूद व्यापारी जो गुजरात, इजिप्ट और तुर्की के थे इसका विरोध करते है  जिससे फ्रांसिस्को द अलमीदा की लड़ाई होती है ।
  • फ्रांसिस्को द अलमीदा इस लड़ाई में अपने सारे परिवार को खो देता है इसके बाद फ्रांसिस्को द अलमीदा भयंकर युद्ध शुरू कर देता है
  • इस युद्ध का क्या नाम "चौल की लड़ाई" दिया गया था (1508 AD)
  • एक नई पॉलिसी ब्लू वाटर पॉलिसी बनाता है। जिसमें उसने समुद्र पर अधिकार क्षेत्र को बांट दिया था।
  • पहले से मौजूद व्यापारी जो गुजरात , इजिप्ट और टर्किश के थे जिससे फ्रांसिस्को द अलमीदा की लड़ाई होती है 
  • फ्रांसिस्को द अलमीदा पुर्तगालियों की स्थिति काफी मजबूत कर देता है।
  • 1508 AD में फ्रांसिस्को द अलमीदा को वापस पुर्तगाल बुला लिया जाता है।

और एक दूसरे वायसराय को भेजा जाता है।

अलफांसो द अल्बुकर्क (1509-1515 AD)

  • इसने कार्टेज पद्धति चलायी थी जिसमे पानी में चौकी बनाकर जहाज़ों से कर बसुला जाता था।
  • यह ब्लू वाटर पालिसी पॉलिसी ख़त्म कर देता है
  • यह एक ऐसा वायसराय था जिसे सिर्फ़ भारत में व्यापार के लिए भेजा गया था पर
  • भारत में यह व्यापार  के साथ साथ पुर्तगालियों साम्राज्य भी स्थापित करने लगाए भारत की राजनीति में हस्तक्षेप भी करने लगा।
  • पुर्तगाली शक्ति का असली संस्थापक अलफांसो द अल्बुकर्क को कहा जाता है
  • अलफांसो द अल्बुकर्क, आदिल शाह से गोवा को छीनकर अपने कब्जे में ले लेता है और गोवा को अपनी राजधानी बनाया (1510 AD)
  • पुर्तगाली भारत में चावल, कच्चा रेशम, अफीम, मसाले, नील, सूत का व्यापार करते थे
  • आलू, मक्का, अन्नानास, पपीता, तम्बाकू, मिर्च, काजू, मूंगफली, लीची, कली मिर्च,टमाटर , प्रिंटिंग प्रेस आदि इनकी देन है

1661 AD में पुर्तगाली राजकुमारी कैथरीन का विवाह अँगरेज़ राजकुमार चार्ल्स द्वितीय से होता है और अंग्रेज़ों को बम्बई दहेज़ में मिलती है। 

इसके बाद पुर्तगालियों की शक्ति भारत में ख़त्म हो जाती है।

डच 

  • भारत 1602 AD में आए थे
  • डच ईस्ट इण्डिया कम्पनी के नाम से 
  • डचों के पास उनके सरकार द्वारा 21 वर्षों के लिए भारत में व्यापार के लिए अनुमति थी।
  • डचों ने अपनी पहली फैक्टरी मसूलीपट्टनम में बनाई (1605AD)
  • 1610 में पुलीकट में बनाई
  • 1616 में सूरत में बनाई
  • 1653 में चिनसुरा में (गुस्ताव) बनाई
  • 1663 में कोचीन में बनाई
  • पुलीकट में चंद्र गिरी के महाराज की अनुमति से डचों ने सोने का सिक्का ढाला था जिसका नाम पैगोडा दिया गया था।

डच व्यापारी मल्टीनेशनल कंपनियों के रूप में उभरे।
इन्होंने सारे व्यापार पर एकाधिकार कर लिया

  • कपड़ों का नया व्यवसाय डचों  ने शुरू किया था
  • डच लोगों ने 1658 AD में कशिम बाज़ार बनाया जो कोलकाता में है।
  • स्टॉक शेयर की शुरुआत डचों  ने की थी
  • 1800 तक आते आते डच अपनी कंपनी को भारत में पूरी तरह राष्ट्रीयकृत कर चुके थे।

बेदरा के युद्ध (1759 AD ) में अंग्रेज़ों द्वारा डचों का पतन कर दिया जाता है।

अंग्रेज़ 

  • 1600 AD में भारत आए
  • महारानी एलिज़ाबेथ प्रथम द्वारा 15 वर्षों की अनुमति मिलती है
  • महारानी एलिज़ाबेथ प्रथम द्वारा अकबर के नाम एक पत्र निकाला जाता है जिसमें व्यापार करने की अनुमति मांगी जाती है
  • उस समय भारत के राजा अकबर थे।

महारानी एलिज़ाबेथ प्रथम का पत्र लेकर भारत हॉकिन्स आता है तो उसे पता चलता है कि अकबर की मौत हो चुकी है और जहांगीर  राजा बन चुका है

कैप्टन हॉकिन्स जहांगीर के दरबार में उपस्थित होते हैं
और खत पढ़वाया जाता है, तो पता चलता है कि ये महाशय व्यापार करने के लिए आए हैं।

इसी दौरान पुर्तगाली और गुजराती व्यापारियों ने काफी उत्पात मचाया था और जहांगीर इनसे काफी परेशान थे जिसके कारण वो अब व्यापार की अनुमति किसी को भी नहीं दे रहे थे।

  • जहांगीर व्यापार करने की अनुमति नहीं देता है
  • जहांगीर कैप्टन हॉकिंस को अपने दरबार में 2000 मनसब के पद पर द्विभाषीय का काम ऑफर करता है।
  • कैप्टन हॉकिंस हेक्टर नामक जहाज़ पर भारत आता है 
  • जहांगीर इसे इंग्लिश खान की उपाधी देता है 
  •  भारत में व्यापार करने के लिए पहले अंग्रेज़ी व्यापारी कैप्टन मिडिलटन आया था
  • इनको 1611 में इजाज़त मिली थी।

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