MODERN HISTORY- धार्मिक सुधार आंदोलन - रामकृष्ण मिशन


रामकृष्ण मिशन स्वामी विवेकानंद से संबंधित है।

विवेकानंद 
  • जन्म -12 जनवरी 1863AD को 
  • बंगाल में हुआ था 
  • पिता - विश्वनाथ दत्त 
  • माता - भुवनेश्वरी देवी 
  • गुरु - रामकृष्ण परमहंस
  • बचपन का नाम - नरेंद्र
स्वामी विवेकानंद ने 1897 AD में बेल्लूर नमक स्थान पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। 

रामकृष्ण मूर्ति पूजा में विश्वास रखते थे , उन्हें कैंसर  की बिमारी थी । 
रामकृष्ण के बचपन का नाम गदाधर चटोपाध्याय था। 
  • ऐसा कहा  जाता है की जब वो खाना परोस कर दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में जाते थे तो माता काली खुद उनका भोजन ग्रहण करती थी। 
  • विवेकानंद उनके पास जाकर बैठते थे और उनसे विचार विमर्श करते थे । 
  • इनके पिता बहुत बड़े वकील थे इनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी । 
  • रामकृष्ण विवेकानद से हमेशा पूछते थे की तुम मेरे पास क्यों आते हो , विवेकानंद कहते थे मैं नहीं जनता 
  • रामकृष्ण कहते थे की तुम माँ काली के आदेश से मेरे पास आते हो. तुम्हारा मेरे पास आना एक बहुत बड़ी उपलब्धि  को दर्शाता है 
  • तुम आगे चलकर इस देश में बहुत बड़ा तूफ़ान लाने वाले हो , अभी तो नहीं लेकिन जब माँ काली का आदेश होगा उस दिन हम तुम्हे इस सच्चाई से रूबरू करा देंगे  की तुम  वास्तव में मेरे पास क्यों आते हो। 
  • सनातन धर्म में कहा गया है की "अगर आप किसी मूर्ति में भगवान देखोगे तो भगवान दिखेगा और पत्थर देखोगे तो पत्थर"। 
विवेकानंद कहते थे - 
  • आप नहीं कर पाये तो हम कैसे ? 
  • आपको कैंसर की बिमारी है और काली माँ आपका भोजन ग्रहण करती है तो आप माँ काली को बोलिये की आपकी बिमारी ठीक कर दे ।  
  • हम मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते। 

एक दिन शक्तिपाठ करते हुए जब रामकृष्ण ने अपनी साडी शक्ति विवेकानंद को दी तो इनके मस्तिष्क के सारे रहस्य खुल गए और माँ काली के दर्शन हुए , काली ने बताया की इस संसार में हर व्यक्ति का एक निश्चित काम है और करके चला जाता है। 
  • विवेकानंद के सारे प्रश्नो का उत्तर मिल चूका था। 
  • नरेंद्र उसके बाद स्वामी विवेकानंद कहलाये। 
  • रामकृष्ण की मृत्यु 1886 AD में हुई थी।
11 सितम्बर 1893 को विवेकानंद को शिकागो के धर्म सम्मेलन में इन्हे आमंत्रित किया जाता है। 

  • इनका मजाक बनाने के लिए इन्हे " शुन्य " पर बोलने को  कहा जाता है। 
  • गुलाम होने के कारन इन्हे बोलने का मौका नहीं मिल रहा था । 
  • किसी अँगरेज़ ने इन्हे सिर्फ 5 मिनट बोलने का मौका दिलवाया। 
  • इन्होने शुरुआत की - "अमरीकी भाईयों और बहनों , आपने जिस स्नेह से मेरा स्वागत किया है उससे मेरा दिल भर आया है ........      
  • इसके बाद तालियां बजती रही और इन्हे लगातार सभी लोग सुनने लगे और धर्म सभा कई दिनों तक चली। 
स्वामी विवेकानंद की मृत्यु 39 वर्ष के उम्र में 4 जुलाई 1902 AD को हो गयी। 

  • सुभाषचंद्र बोष ने इनको आधुनिक राष्ट्रीय आंदोलन का आध्यात्मिक पिता कहा था। 
  • वैलेंटाइन शिरोल ने विवेकानंद के उद्द्श्यों को भारतीय आंदोलन का प्रमुख था। 
"उठो जागो और तब तक लगे रहो जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते "

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1 Comments
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Unknown said…
स्थापना 1987 ???? Galat type ho gya h