
हमारे शरीर में गैसों के आदान-प्रदान से ऊर्जा का प्राप्त करना स्वसन (Respiraton) कहलाता है।
श्वसन एक अपचयी (Catabolic) प्रक्रिया है।
मानव में श्वसन अंग
1. नाक (Nose)
- इसके जरिये हवा अंदर जाती है
- इसमें छोटे - छोटे पतले बाल पाए जाते है
- ये वायु में मौजूद धूल को अवशोषित कर लेती हैं
- यह वायु और भोजन के लिए एक द्वार जैसा काम करता है।
- यह हवा को स्वास नली (Trachea ) में तथा भोजन को Oesophagus (आहार नली ) में भेजता है।
4. एपिग्लॉटिस (Epiglottis)
- यह ग्रसनी (pharynx) का एक सहायक अंग है।
5. स्वरयंत्र (larynx) या कंठ
- इसमें वोकल कॉर्ड (Vocal cord) पाया जाता है
- यह आवाज़ उत्पन्न करता है।
- इसे वॉयस बॉक्स भी कहा जाता है।
- इसका निर्माण उपास्थि (cartilage)से होता है जिसे आदम का सेब (adam's apple) कहा जाता है
- आम भाषा में इसे टेंटुआ कहा जाता है
- आदम का सेब (adam's apple) सिर्फ पुरुषों में ज्यादा विकसित होता है
वोकल कॉर्ड (Vocal cord) की लम्बाई
- पुरुष - 1. 75 - 2. 25 cm
- महिला - 1. 25 - 1. 75 cm
6. श्वासनली (trachea)
- शुद्ध हवा इससे होकर फेफड़ों तक जाती है
- आगे जाकर यह दो भागों में बाँट जाता है
- प्रत्येक भाग श्वसनी (Bronchus) कहलाता है
7. श्वसनी (Bronchus)
- यह आगे जाकर कई छोटे छोटे भागो में बिभाजित हो जाता है जिसे ब्रांकिओल्स (Bronchioles) कहा जाता है।
8. ब्रांकिओल्स (Bronchioles)
- यह आगे जाकर कई अंगूर आकर में रूप में बिभाजित हो जाता है, जिसे वायुकोष्ठ (alveoli) कहा जाता है
9. वायुकोष्ठ (alveoli)
- गैसों का अदन प्रदान यहीं से होता है
- इसका आकर अंगूर जैसा होता है
- इसे फेफड़े की इकाई कहा जाता है
- इसकी संख्या लगभग 300 करोड़ होती है
- प्रत्येक हिस्से में 15 करोड़
10. डायाफ्राम
- यह एक पेशी अंग (muscular organ)है
- हमारे शरीर को उदर गुहा (abdominal cavity) और वक्ष गुहा (thoracic cavity) में विभाजित करता है
- साँस लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
स्वसन प्रक्रिया (Respiratory process)
वाह्य स्वसन (External respiration )
- इसमें हम स्वांस लेते और छोड़ते हैं
- गैस स्वांस लेते वक़्त स्वांस छोड़ते वक़्त
- नाइट्रोजन 78 % 78 %
- ऑक्सीजन 21 % 17 %
- CO2 0.03 % 4 %
CO2 की मात्रा बढ़ जाने पर हमे नींद आने लगती है
गैसों का आदान प्रदान वायुकोष्ट (Alveoli ) के द्वारा होता है
गैसों का परिवहन (Transportation of gases)
ऑक्सीजन (Oxygen)
- इसका परिवहन हीमोग्लोबिन (haemoglobin) के साथ होता है
- फेफड़े में ऑक्सीजन , हीमोग्लोबिन (haemoglobin) के साथ मिलकर ऑक्सीहैमोग्लोबिन (oxyhaemoglobin) बनाता है
- हीमोग्लोबिन (haemoglobin), ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक पहुंचाता है।
- इसके बाद कोशिकीय स्वसन (Cellular respiration) होता है
- C6 H12 O6 + 6O2 ---> 6CO2 + 6H2O + ATP
अब ऑक्सीजन CO2 में बदल चूका है
10 % CO2, हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) के साथ मिलकर करबामाईनोहीमोग्लोबिन (Carbaminohemoglobin) बनाता है।
- हीमोग्लोबिन (Haemoglobin),दस CO2 में से सिर्फ एक को ही अपने साथ फेफड़े तक ले जाता है
- बाकि CO2 दूसरे तत्व जैसे सोडियम , कैल्शियम , पोटैशियम , मैग्नीशियम के साथ मिलकर फेफड़े तक आते हैं और शरीर से बाहर निकल जाते हैं
90 % CO2, कार्बोनेट और बाईकार्बोनेट्स में बदल जाते हैं।
- हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) का CO2 और ऑक्सीजन की अपेक्षा कार्बोनमोनोक्साइड (CO) से अच्छे सम्बन्ध होते हैं
- हीमोग्लोबिन (Haemoglobin), कार्बोनमोनोक्साइड (CO) से मिलकर कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन (Carboxyhemoglobin) बनाता है
- कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन (Carboxyhemoglobin), हमारे शरीर की श्वेत रक्त कणिकाएँ (Leucocytes ) की संख्या को बढ़ा देता है जिससे ल्यूकेमिया (leukemia) नामक बीमारी हो जाती है
- ल्यूकेमिया (leukemia) को ब्लड कैंसर (Blood cancer) भी कहा जाता है।
अन्तः स्वसन (Internal Respiration )
- रक्त द्वारा ऑक्सीजन का कोशिका तक पहुंचना
- CO 2 का कोशिका से फेफड़े तक पहुंचना
हमारा फेफड़ा फुफ्फुस झिल्ली (pleural membrane) में मौजूद होता है।
पक्षियों के अंदर आवाज़ उत्पन्न करने के लिए सैरिंक्स (Sarynx ) होता है।
 
 
